Sunday 3 April 2011

मनुष्य के जीवन में बहुत उतार-चढाव आते  हैं | हमें उससे निराश न होकर आँख में पड़े कांटे की तरह निकालना चाहिए |
            जैसे आँख में पड़े तिनके को हलकी सी फूँक मार कर ही निकाला जाता हैं | आँखे मलने से या कुछ अन्य उपाए करने से आँखे लाल होने की संभावना ही अधिक होती हैं उसी तरह जीवन में आई कठिनाइयों को सहजता से लेना चाहिए |
                                                  प्यार बाँटते चालों



No comments:

Post a Comment